भारत के साथ मुद्दों का परस्पर स्वीकार्य समाधान चाहता है चीन



बीजिंग : चीन के साथ भारत को तमाम समस्याएं होने संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर मंगलवार को सधी हुई प्रतिक्रिया में बीजिंग ने कहा कि वह विवाद वाले विषयों के निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए नयी दिल्ली के साथ बातचीत करेगा।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हांग ली ने मोदी द्वारा एक निजी टीवी चैनल को दिये साक्षात्कार के संबंध में पूछे गये प्रश्नों के जवाब में कहा, ‘हमने संबंधित खबर पर संज्ञान लिया है। चीन-भारत संबंध सामान्य तौर पर अच्छी स्थिति में हैं।’ 
उन्होंने कहा, ‘दोनों देशों के बीच समान हितों का पलड़ा उनके मतभेदों से भारी है। चीनी पक्ष द्विपक्षीय संबंधों को संचालित करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करेगा।’ उन्होंने मोदी के बयानों का जिक्र करते हुए कहा, ‘द्विपक्षीय संबंधों में समस्याओं के लिए चीनी पक्ष भारतीय पक्ष के साथ संवाद और वार्ता में बना रहेगा ताकि एक निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समाधान खोजा जा सके।’ 
मोदी ने कहा था, ‘चीन के साथ हमारा संवाद जारी है और यह जारी रहना चाहिए। चीन के साथ हमारी एक समस्या नहीं है, चीन के साथ हमारी तमाम समस्याएं लंबित हैं। कई मुद्दे हैं।’ भारत को चीन से पहले मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) की सदस्यता मिलने पर हांग ने कहा, ‘हमने देखा है कि कुछ बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाएं किसी न किसी तरीके से बदली हैं। इसे ध्यान में रखते हुए चीन अंतरराष्ट्रीय अप्रसार व्यवस्था के सुरक्षा मानकों में एमटीसीआर के प्रभावों का मूल्यांकन कर रहा है।’
चीन को अभी 34 सदस्यीय एमटीसीआर का सदस्य नहीं बनाया गया है। भारत कल इसका 35वां सदस्य बना।
खबरों के अनुसार परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में भारत की सदस्यता को अवरद्ध करने वाला चीन एमटीसीआर का सदस्य बनने के लिए लामबंदी कर रहा है।

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